Table of Contents
(बिगुल के अक्टूबर 1999 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
वाजपेयी सरकार का नया एजेण्डा क्या है : हर हाल में, हर कीमत पर, जल्दी से जल्दी उदारीकरण मुहिम को उसके आखिरी मुकाम तक पहुंचाना
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
भाजपा गठबंधन की ठगी : डीजल की कीमतों में चालीस फीसदी व़द्धि / रघुवंश मणि
डी.टी.सी. की डकैती : बस-किराया एकमुश्त दूना करके दिल्ली की कांग्रेसी सरकार ने लाखों मज़दूरों-कर्मचारियों को कलम की नोक पर लूटा / सुधाकर
बहस
बिगुल के लक्ष्य और स्वरूप पर बहस को आगे बढ़ाते हुए / पी.पी. आर्य
बहस को मूल मुद्दे पर एक बार फिर वापस लाते हुए / सम्पादक, बिगुल
‘बिगुल के लक्ष्य और स्वरूप’ पर जारी बहस : एक प्रतिक्रिया / ललित सती
शिक्षा और रोजगार
माध्यमिक शिक्षा को भी पंचायतों के हवाले करने की योजना / देवेन्द्र, नैनीताल
इतिहास
चीनी क्रान्ति की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर : बीसवीं सदी की दूसरी महानतम क्रान्ति और उसकी प्रासंगिकता / आलोक रंजन
महान मज़दूर नेता
मजदूर नायक : क्रान्तिकारी योद्धा – रॉबर्ट शा : विश्व सर्वहारा क्रान्ति के इतिहास के मील के पत्थरों में से एक
कारखाना इलाक़ों से
तराई क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कम्पनी होण्डा पावर प्रोडक्ट्स में तालाबंदी
गतिविधि रिपोर्ट
जनता की वैकल्पिक सत्ता के केन्द्रों के रूप में क्रान्तिकारी लोक स्वराज्य पंचायतें गठित करने का आह्वान
चुनावी राजनीति को धता बताओ, इन्कलाबी राजनीति का परचम उठाओ
आपस की बात
जनता का जाहिल और कामचोर मानने वाले “क्रान्तिकारी” बुद्धिजीवी / आदेश कुमार सिंह
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
आर्थिक सहयोग भी करें!
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन