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(बिगुल के मई 1999 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
मई दिवस के शोलों को दहकाओ! उनको बारूद की ढेरी तक पहुंचाओ !!
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
बीमा विधेयक अगली लोकसभा गठन तक टला, यह भ्रम आत्मघाती होगा कि खतरा टल गया है / ललित सती
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
क्या शंकर बीघा और नारायणपुर का सही जवाब सेनारी है ? / अरविन्द सिंह
बहस
कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी आन्दोलन के बिखराव का मूल कारण सही विचारधारात्मक समझ का अभाव / जी. पी. भट्ट
बुर्जुआ जनवाद – चुनावी नौटंकी
पूँजीवादी व्यवस्था के संकट का परिणाम-अरबों-खरबों के खर्च से एक और मध्यावधि चुनाव
लेखमाला
मई दिवस का इतिहास (पहली किश्त) / अलेक्जैण्डर ट्रैक्टेनबर्ग
कारखाना इलाक़ों से
तराई क्षेत्र में मई दिवस पर मज़दूरों का जुलूस और जनसभा
मई दिवस पर गोरखपुर में रेल अधिकार मोर्चा की गेट मीटिंग
आनन्द निशिकावा श्रमिक आन्दोलन : साजिशाना कार्रवाइयों का जवाब मजदूर अपनी एकजुटता से देंगे
कला-साहित्य
कविता – हम राज करें, तुम राम भजो! / बेर्टोल्ट ब्रेष्ट
कविता – कौन तोड़ेगा तेरी बेड़ियां / बेर्टोल्ट ब्रेष्ट
आपस की बात
‘बिगुल’ क्रान्तिकारी विचारों को समृद्ध कर रहा है / भालचन्द्र
भारत में क्रान्तिकारी सर्वहारा आन्दोलन: नई शुरूआत के लिए बहस जरूरी है / रघुवंश मणि
एक कविता / सुधाकर
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन