आज कारखाना मजदूर यूनियन ने गौशाला, कशामीर नगर, माधोपुरी आदि इलाकों के 50 से भी अधिक पावरलूम कारखानों के हड़ताली मजदूरों की माँगें मनवाने के लिए श्रम विभाग पर विशाल अधिकार रैली की। इस रैली में हड़ताल पर बैठे मजदूरों के अलावा लुधियाना के अन्य अनेकों कारखानों के मजदूर भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। 16 अगस्त को इन इलाकों के 22 कारखानों में पीस रेट बढ़ौतरी और अन्य श्रम कानूनों को लागू करवाने की माँगों को लेकर हड़ताल शुरू हुई थी जो दिन-ब-दिन विशाल होती जा रही है। आज हड़ताल के छठे दिन तक हड़ताल में 52 पारवलूम कारखानों के मजदूर शामिल हो चुके हैं। मजदूरों ने प्रण किया है कि जब तक उनकी माँगें नहीं मान ली जातीं तब तक वे काम पर नहीं लौंटेंगे भले ही भूखे मरने की नौबत क्यों न आ जाए।
रैली को सम्बोधित करते हुए कारखाना मजदूर यूनियन के प्रधान राजविन्दर ने श्रम विभाग और प्रशासन को चेतावनी दी है कि मजदूर की माँगें तुरंत मानीं जाए, नहीं तो यूनियन संघर्ष को और बड़े स्तर पर ले जाएगी। आज की अधिकार रैली में नौजवान भारत सभा (डा. परमिन्दर), बजाज सन्स कारखाना मजदूर यूनियन(धरमेन्द्र), मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनियन (हरजिन्दर सिंह और विजय नारायण), लोक एकता संगठन (गल्लर चौहान), मजदूर चेतना मंच (शेर बहादुर), लोक मोर्चा पंजाब (कस्तूरी लाल), इंकलाबी केन्द्र पंजाब (जसवंत जीरख) आदि संगठनों ने शामिल होकर पावरलूम मजदूरों के संघर्ष का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया। यूनियन के प्रधान राजविन्दर ने इंसाफपसंद संगठनों के साथ में आने का स्वागत किया और कहा कि संघर्ष अब और भी मजबूती के साथ लड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि पावरलूम मजदूरों की आमदनी में पिछले 10-12 वर्षों में कोई कहने लायक बढ़ौतरी नहीं हूई है जबकि इस दौरान महँगाई कई गुणा बढ़ गई है। इन कारखानों में श्रम कानून नाम की कोई चीज नहीं है। श्रम विभाग, पुलिस प्रशासन, सरकार की नाक के नीचे मालिक खुलेआम मजदूरों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं। इस सब के कारण मजदूरों की जिन्दगी नरक बन चुकी है। मजदूरों को मजबूरन हड़ताल का रास्ता चुनना पड़ा है।
लखविन्दर, सचिव, कारखाना मजदूर यूनियन, मोबाइल-96461 50249
रैली की कुछ तस्वीरें और वीडियो के लिंक। पूरा वीडियो बाइट देखने के लिए इनके लिंक पर क्लिक करें।
रैली को सम्बोधित करते कारखाना मजदूर यूनियन के प्रधान राजविन्दर |
श्रम विभाग पर प्रदर्शन करते पावरलूम मजदूर |
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीऑर्डर के लिए पताः
मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना,
डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020
बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul
खाता संख्याः 0762002109003787,
IFSC: PUNB0185400
पंजाब नेशनल बैंक,
निशातगंज शाखा,
लखनऊ
आर्थिक सहयोग भी करें!
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी करें।
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन