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(मज़दूर बिगुल के अगस्त 2014 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
श्रम कानूनों में “सुधार” मोदी सरकार का मज़दूरों के अधिकारों पर ख़तरनाक हमला
फासीवाद
एक बार फिर देश को दंगों की आग में झोंकने की सुनियोजित साजि़श / तपीश
संघर्षरत जनता
बांगलादेश के गारमेण्ट मज़दूरों का जुझारू संघर्ष / संजय
महान शिक्षकों की कलम से
सर्वहारा वर्ग तथा सर्वहारा की पार्टी – जोसेफ स्तालिन
साम्राज्यवाद / युद्ध / अन्धराष्ट्रवाद
ब्रिटिश सैनिकों की अन्धकार भरी ज़िन्दगी की एक झलक / लखविन्दर
स्वास्थ्य
हर साल इस आदमखोर पूँजीवादी व्यवस्था की भेंट चढ़ जाते हैं हज़ारों मासूम / मनन विज
बोलते आँकड़े, चीख़ती सच्चाइयाँ
स्वतंत्रता दिवस – क्यों जश्न मनाये मेहनतकश आबादी! / तपीश
बोलते आँकड़े चीखती सच्चाइयाँ / संजय
महान जननायक
इज़रायली बर्बरता की कहानी – एक डाक्टर की ज़ुबानी / नवगीत
कारखाना इलाक़ों से
जय भारत मारुती कम्पनी में मज़दूरों के काम के भयंकर हालात! / आनन्द, गुड़गांव
गतिविधि रिपोर्ट
बावल औद्योगिक क्षेत्र श्रमिक संयुक्त कमेटी ने बुलाया पहला श्रमिक सम्मेलन
निर्माण मज़दूर यूनियन, नरवाना ने सम्पन्न की दूसरी आम सभा
गरीब बस्ती के लोगों का बिजली कार्यालय पर ज़ोरदार धरना-प्रदर्शन
कला-साहित्य
कहानी-नया क़ानून / सआदत हसन मंटो
गीत – हम लोहार / फ़िलिप श्क्युलोव
आपस की बात
इलाक़ाई एकता ही आज की ज़रूरत है! / आनन्द, गुड़गांव
कविता – हमें सच्ची आज़ादी चाहिए! / कुसुम साहनी, दिल्ली
मज़दूरों की कलम से
मज़दूरों को दूसरों के भरोसे रहना छोड़कर ख़ुद पर भरोसा करना होगा! / खालिद, दिल्ली
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन