आपस की बात
रणवीर की आपबीती
रणवीर सिंह, राजा विहार
मासू इण्टरनेशनल, बादली में मैं काम करता हूँ। रणवीर शाहजहाँ पुर उ.प्र. का रहने वाला है। आज फैक्ट्री सुपरवाइजर सरदार ढिलन सिंह के तेवर रणवीर के खिलाफ सख़्त थे। बेचारे रणवीर को क्या पता कि आखिर कौन सी क़यामत आई है। रणवीर रोज जितना काम करता था। आज उससे तीन गुना काम उस पर पड़ रहा है। क्या आज सरदार ढिलन सिंह सुबह-सुबह ही 4 पैग ज़्यादा लगाकर आये हैं। नहीं ऐसा नहीं है।
आखिर शाम तक रणवीर जी की हालत खस्ता हो गई। वैसे तो रणवीर रोज ओवरटाइम व नाइट नहीं छोड़ता था। मगर आज 5.30 बजे ही छुट्टी करने का निर्णय लिया है। मगर रणवीर ने यह भी निर्णय किया कि इस क़यामत का राज जानकर ही जाऊँगा।
रणवीर – सर जी, हमसे कोई ग़लती हो गई जो आज आपने हमको टारगेट बना लिया।
ढिलन सिंह – अब आयी तेरी अकल ठिकाने। अब बताता हूँ। ऐसा क्यों किया। कल तूने सी.आई.टी.यू. के कार्यकर्ता त्यागी के सामने कारीगरों के साथ यूनियन लगाने के लिए अपना नाम क्यों लिखाया। अभी तुझे आये दो महीने भी हुए नहीं और चला यूनियन करने।
रणवीर – अरे सर जी, हमे क्या पता था। नाम लिखाने से मेरी यह गति होगी। आप ही बतायें हम क्या करें।
ढिलन सिंह – हाँ, बेटा अब एक अप्लीकेशन लिख कि यूनियन में हमारा नाम फ़र्जी है। और हमें यूनियन से कोई मतलब नहीं। और जाकर मालिक ‘वॉबी’ के पास जमा करो।
रणवीर – ठीक है! सर जी हम अभी लिखते हैं। मगर एक बात बताइये सर जी यूनियन में नाम तो कल शाम छुट्टी के बाद लिखवाया था। मगर आज सुबह से ही यह बात आप तक कैसे पहुँच गई।
ढिलन सिंह – चिल्लाते हुए – जा, जैसा बताया वैसा कर। फालतू के सवाल पूछा मत कर।
मज़दूर बिगुल, नवम्बर-दिसम्बर 2012
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