नगर निगम गुड़गाँव के ठेका ड्राइवरों को हड़ताल की बदौलत आंशिक जीत हासिल हुई
ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री काण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन (AICWU) के साथी हड़ताल व क़ानूनी संघर्ष में साथ डटे रहे!
शाम मूर्ति
पिछली 25 जनवरी की शाम को एक महीने का वेतन खाते में जमा करवाने पर तथा आगामी 5 फ़रवरी को 2 महीने के वेतन को खाते में जमा करने के वायदे पर ठेका ड्राइवरों ने फ़िलहाल हड़ताल को स्थगित करके काम दोबारा शुरू कर दिया है।
क्या है ठेका ड्राइवरों का पूरा मामला?
अनेक ठेका ड्राइवर नगर निगम के लिए कई सालों से घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ी चला रहे हैं जिसमें 13 पुराने ड्राइवर भी शामिल हैं। लेकिन पिछले सितम्बर से 4 महीने (जनवरी से पाँचवाँ महीना भी पूरा होना था) के बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया था। साथ ही अप्रैल 2023 से पी.एफ. के लिए उनके वेतन से कटौती के बावजूद भविष्य निधि (पी.एफ.) खाते में पैसा नहीं जमा किया गया था। ठेका ड्राइवरों द्वारा इकोग्रीन ठेका कम्पनी के अधिकारियों से बार-बार तक़ाज़ा करने के बावजूद बकाया भुगतान न होने की सूरत में मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा था।
ठेका ड्राइवरों ने पहली बार 10, 11 और 12 जनवरी को तीन दिन की हड़ताल की जिस पर ठेका कम्पनी के अधिकारियों द्वारा आगामी एक हफ़्ते में वेतन उनके खाते में डालने के वायदे पर ठेका ड्राइवरों ने हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। लेकिन वायदे के मुताबिक 19 जनवरी को वेतन खाते में नहीं आया जिसके चलते मज़दूर अपने के कमरे का किराया, राशन का पैसा, बच्चों के स्कूल की फ़ीस नहीं चुका पा रहे थे। तब ठेका ड्राइवर अपनी माँगों के लिए 23, 24, 25 जनवरी को दोबारा हड़ताल पर चले गये।
गौरतलब है कि इस बार जनवरी का एक महीने के वेतन का मैसेज जो ड्राइवरों के फ़ोन पर आया है, उसमें वेतन भेजने वाली ठेका कम्पनी का नाम अचानक ही बदल गया है। इस बार क्यूब बॉयो एनर्जी प्राईवेट द्वारा ड्राइवरों के खाते में वेतन डाला गया है। जबकि ठेका ड्राइवर कई सालों से इकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड के तहत काम कर रहें हैं। ख़ैर! आगामी दिनों में इस मामले की पूरी असलिसत सामने आयेगी कि कब नगर निगम ने कूड़ा उठाने का ठेका, इकोग्रीन ठेका कम्पनी से बदल कर बॉयो क्यूब एनर्जी को दिया है?
यह भी अजीबोगरीब बात है कि मौके पर जिन अधिकारियों ने 25 जनवरी की शाम तक उनके खाते में एक महीने के वेतन का भुगतान होने और आगामी 05 फ़रवरी तक दो और महीने का वेतन खाते में आने का वायदा किया है, वे सब इकोग्रीन एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड के पहले के ही अधिकारी हैं। जबकि खाते में तो पैसे का भुगतान बायो क्यूब एनर्जी कम्पनी द्वारा किया गया है। यानी वही पुराने अधिकारी लेकिन कम्पनी का नाम चुपचाप बदल गया! ख़ैर! फ़िलहाल इस तरह बकाया वेतन की अदायगी किस्तों में करने के तथाकथित वायदे पर ड्राइवरों ने 10 दिन के लिए हड़ताल को दूसरी बार स्थगित कर दिया था।
वेतन भुगतान सम्बन्धी श्रम क़ानून क्या कहते हैं?
वेतन भुगतान अधिनियम 1936 की धारा (3) के तहत प्रमुख नियोक्ता द्वारा वेतन भुगतान की जिम्मेदारी है। इसकी धारा 4 के अनुसार वेतन को एक महीने से ज़्यादा देर तक वेतन नहीं रोका जा सकता है; (धारा 5) के तहत एक संस्थान में 1000 मज़दूरों से कम होने की सूरत में महीने की 07 तारीख़ तक खाते में पैसा जमा करना होता है। साथ ही देर से भुगतान होने की सूरत में (धारा 15) के तहत इसके लिए ब्याज सहित पैसा जमा करने का क़ानूनी प्रावधान है। उल्लंघन होने की सूरत में आर्थिक दण्ड (जुर्माने) और कारावास का दण्ड – दोनों तरह से दण्ड देने का भी क़ानूनी प्रावधान है।
वहीं संविदा/अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970, 1971 के (धारा 21- सी व डी) के मुताबिक अगर ठेकेदार द्वारा भुगतान समय पर न होने और पूरा नहीं होने पर वेतन के भुगतान को सुनिश्चित करने व वेतन के भुगतान की मुख्य ज़िम्मेदारी प्रधान नियोक्ता की ही होगी। प्रधान नियोक्ता इस भुगतान की भरपाई के लिए ठेकेदार के खाते से कटौती कर सकता है। ऐसे में ठेका ड्राइवरों का प्रधान नियोक्ता नगर निगम गुड़गाँव है जिसने इकोग्रीन (अब बॉयो क्यूब एनर्जी) को घरों से कूड़ा उठाने का ठेका दिया है।
यह भी ज्ञात रहे कि क़रीब आठ महीनों से पी.एफ. का पैसा जो हर महीने मज़दूरों के वेतन से कटौती के बावजूद भी इकोग्रीन कम्पनी ने उनके खाते में जमा नहीं किया है। भविष्य निधि एक्ट (1952) के अनुसार व अन्य क़ानूनी प्रावधानों के तहत यह एक आपराधिक कार्यवाही है जिसके लिए आर्थिक जुर्माने से लेकर कारावास यानी दोनों तरह के दण्ड का प्रावधान है।
वहीं वेतन और पी.एफ. के भुगतान न होने के चलते न सिर्फ़ ठेका ड्राइवर बल्कि ठेके पर काम करने वाले सफ़ाई, सिक्योरिटी गार्ड, मैकेनिक सभी हड़ताल में शामिल हुए थे। वैसे तो इस इकोग्रीन कम्पनी द्वारा ठेके पर कार्यरत मज़दूरों के श्रम कानूनों के सभी अधिकारों की जिस तरह से खुलेआम धज्जियाँ नगर निगम गुड़गाव की नाक के नीचे उड़ाई जा रहीं है। ज़ाहिर है, यह बिना प्रशासन, सरकार और ठेकेदार की मिलीभगत के सम्भव नहीं है। इसके लिए ठेका ड्राइवरों को इस सच्चाई को समझना होगा और आने वाले दिनों में इसके लिए कमर कसनी होगी। साथ ही विभिन्न सेक्टर के मज़दूरों के साथ इस मुद्दे पर एकता बढ़ाकर आगे बढ़ना होगा।
ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री काण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन (AICWU) के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के ठेका ड्राइवरों के बुनियादी, जायज़ व क़ानूनी अधिकारों को जल्द से जल्द लागू करवाने के संघर्ष में सक्रिय समर्थन और धरनास्थल पर रहकर भागेदारी की। ठेकेदार चाहे ग्रीन एनर्जी गुड़गाँव फ़रीदाबाद प्राइवेट लिमिटेड या नयी ठेका कम्पनी – बॉयो क्यूब एनर्जी लिमिटेड कम्पनी हो, यानी जो भी हो। AICWU कम्पनी/नियोक्ताओं/ठेकेदारों द्वारा तानाशाही व भटकाने के रवैये की सख़्त निंदा करती है। श्रम विभाग और गुड़गाँव नगर निगम प्रशासन द्वारा ठेका कम्पनी द्वारा श्रम क़ानूनों के उल्लंघन और उसके तानाशाही व्यवहार पर तुरन्त सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की माँग करती है। AICWU आगे भी ठेका ड्राइवरों के बुनियादी जायज मांगों के संघर्ष में उनका साथ देगी।
मज़दूर बिगुल, फरवरी 2024
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