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मई दिवस पर मज़दूरों ने अपने शहीदों को याद किया
करावलनगर, दिल्ली में निकली ‘मज़दूर अधिकार रैली’
मज़दूरों ने अपने हक़-अधिकारों का माँगपत्रक इलाके के विधायक को सौंपा।
1 मई को 128वें ‘अन्तरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस’ के अवसर पर करावल नगर में मज़दूरों की एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। करावलनगर मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के संयुक्त बैनर तले बुधवार को हुई इस ‘मज़दूर अधिकार रैली’ में इस इलाके के अलग-अलग पेशे से जुड़े सैकड़ों मज़दूर शामिल हुए। करावलनगर के लेबर चौक से शुरू हुई मज़दूर अधिकार रैली इलाके की मुख्य सड़क से होती हुई विधायक के कार्यालय पहुँची। विधायक के कार्यालय के बाहर ही सभी बैठ गये और वहाँ मज़दूरों के प्रतिनिधियों द्वारा मज़दूरों का माँगपत्रक पढ़ा गया और फिर इन मज़दूर प्रतिनिधियों ने विधायक को मज़दूरों द्वारा हस्ताक्षरित बुनियादी हक़-अधिकारों का एक माँगपत्रक सौंपा।
विधायक के कार्यालय के बाहर ही सभा में करावलनगर मज़दूर यूनियन की सांस्कृतिक टोली द्वारा मज़दूर अधिकारों से जुड़े क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति भी की गई। कार्यकर्ताओं ने इस सभा में मज़दूरों को मई दिवस के इतिहास से परिचित कराते हुए बताया कि मई दिवस के संघर्ष के बदौलत ही एक समय सभी देशों में पूँजीपतियों की सरकारों को कम-से-कम कानूनी तौर पर आठ घण्टे का कार्यदिवस देने को मज़बूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि ‘मज़दूर अधिकार रैली’ करावलनगर के मज़दूरों के हक़-अधिकारों के संघर्ष की शुरुआत है।
लुधियाना के पूडा मैदान में हुए मई दिवस सम्मेलन में मज़दूरों ने मई दिवस आन्दोलन की क्रान्तिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया
कारखाना मज़दूर यूनियन और टेक्सटाइल-होज़री कामगार यूनियन की ओर से आयोजित सम्मेलन में मज़दूरों ने संघर्ष और कुर्बानी का प्रतीक लाल झण्डा फहराकर मई दिवस के शहीदों को याद किया और शोषण तथा उत्पीड़न को ख़त्म करने के लिए मज़दूर वर्ग की ऐतिहासिक लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर क्रान्तिकारी गीत और नाटक प्रस्तुत किये गये और सम्मेलन के बाद विभिन्न रास्तों से होता हुआ एक मार्च निकाला गया।
गोरखपुर में मज़दूरों ने अन्तरराष्ट्रीय मई दिवस पर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया
गोरखपुर में मालिकान और प्रशासन के गँठजोड़ की ओर से मज़दूरों को दबाने-कुचलने-हतोत्साहित करने की तमाम कोशिशों के बावजूद बरगदवा इलाके के अनेक कारख़ानों के मज़दूरों ने एकजुट होकर मई दिवस मनाया और अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया। मज़दूरों के दबाव में कुछ कारख़ानों में मालिकान को छुट्टी घोषित करनी पड़ी।
मज़दूरों ने बरगदवा औद्योगिक क्षेत्र तथा बाज़ार से होते हुए रैली निकाली और सभा की जिसमें विभिन्न कारख़ानों के मज़दूरों के साथ-साथ बिगुल मज़दूर दस्ता के साथी भी शामिल हुए। सभा में अनेक मज़दूरों ने कहा कि अपने-अपने कारख़ानों में शोषण-उत्पीड़न से लड़ने के साथ ही हमें पूरी पूँजीवादी व्यवस्था के ख़िलाफ़ भी लड़ने की तैयारी करनी होगी। शोषकों की आपसी एकता के जवाब में हम मज़दूरों को भी व्यापक एकता क़ायम करनी होगी।
मज़दूर बिगुल, अप्रैल-मई 2013
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन