पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट की नर्सों की हड़ताल
पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट में काम कर रही नर्सें दिल्ली नर्सेस यूनियन के तहत अपनी माँगों को लेकर 5 जुलाई से हड़ताल पर बैठी हैं। दिल्ली स्टेट गवर्नमेण्ट हॉस्पिटल कॉण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट की नर्सों के इस संघर्ष में उनका समर्थन कर रही है। हड़ताल पर बैठी नर्सों की माँग है कि छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशों के अन्तर्गत आने वाले सभी लाभ उन्हें दिये जाये, साथ ही बोनस, मरीज भत्ता और जोखिम भत्ता भी मुहैया कराया जाये। पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट के प्रशासन के दबाव के बावजूद भी नर्सें अपनी हड़ताल को बहादुरी के साथ आगे बढ़ा रही हैं। दिल्ली स्टेट गवर्नमेण्ट हॉस्पिटल कॉण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ़ से नर्सों के इस संघर्ष में अपना समर्थन देते हुए शिवानी ने कहा कि स्थायी नर्सों के इस संघर्ष में अन्य सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे संविदा कर्मचारी भी उनके साथ हैं। और यह लड़ाई केवल स्थायी नर्सों की नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे सफ़ाई कर्मचारियों, नर्सिंग ऑर्डर्ली, ठेके पर काम कर रहे सभी अस्पताल कर्मियों की लड़ाई है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या वहाँ मौजूद सुविधाओं की तुलना में कहीं अधिक है जिसके चलते नर्सों पर काम का बेहद दबाव रहता है, ऐसे में लम्बी शिफ्टों में काम करने के बावजूद नर्सों को पूरा मेहनताना भी नहीं मिलता।
मज़दूर बिगुल, जुलाई 2015
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
आर्थिक सहयोग भी करें!
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन