हरियाणा सरकार के ‘बेटी बचाओ अभियान’ का असली चेहरा
खट्टर सरकार द्वारा नर्सिंग छात्राओं पर बर्बर पुलिसिया दमन!

हरियाणा बिगुल संवाददाता

nursingहरियाणा सरकार एक तरफ़ तो “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” का ढोल पीट रही है और वहीं दूसरी तरफ़ हज़ारों नर्सिंग छात्राओं के भविष्य के साथ न केवल खिलवाड़ कर रही है, बल्कि उनके संघर्ष को दबाने के लिए बर्बर पुलिस कार्रवाई भी कर रही है। अभी 10 जुलाई को करनाल में मुख्यमन्त्री कार्यालय पर 1200 नर्सिंग छात्राओं पर हरियाणा पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया। नर्सिंग छात्राएँ मुख्यमन्त्री कार्यालय के घेराव के लिए शान्तिपूर्ण तरीक़े से आगे बढ़ रही थीं, लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही बेरिकेडों पर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया और बिना कोई चेतावनी दिये बर्बर तरीक़े से लाठीचार्ज कर दिया और छात्राओं को खदेड़ना शुरू कर दिया। लेकिन लाठी खाने के बाद भी छात्राएँ बहादुरी के साथ डटी रहीं, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। पुलिस की बर्बर कार्रवाई में लगभग 12 छात्राओं को गम्भीर चोटें आयीं। प्रशासन की कायरता यह थी कि नर्सिंग छात्राओं के खि़लाफ़ ज़्यादातर पुरुष पुलिसकर्मियों को आगे किया। जो सरासर ग़लत है, साथ ही प्रदर्शन में 6 छात्रओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कर लिये गये हैं।

ज्ञात हो कि ये सभी नर्सिंग छात्राएँ एएनएम और जीएनएम की प्रथम वर्ष की परीक्षार्थी हैं जिनका पिछले सात माह से प्रथम वर्ष की परीक्षाओं के परिणाम ही नहीं घोषित किये गये और छात्राओं ने अगली कक्षाओं की पढ़ाई प्रारम्भ कर दी। जब छात्राओं ने परिणाम घोषित करने के लिए आन्दोलन की चेतावनी दी तो खट्टर सरकार ने तुग़लकी फ़रमान से प्रथम वर्ष की परीक्षाओं को ही रद्द कर दिया। जिसके बाद नर्सिंग छात्राएँ करनाल में मुख्यमन्त्री कार्यालय पर अपनी जायज़ माँगों को लेकर मिलने पहुँची थीं। लेकिन हरियाणा में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” से लेकर “सेल्‍फ़ी विद डॉटर” का ढोल पीटने वाली खट्टर सरकार ने छात्राओं का स्वागत लाठियों और पानी की बौछारों से किया।

khattarआज यह बात स्पष्ट है कि मौजूदा खट्टर सरकार भी पिछली तमाम सरकारों की तरह ही हरियाणा की आम जनता के हक़-अधिकारों पर डाका डाल रही है। असल में चुनाव से पहले किये जाने वाले बड़े-बड़े वायदे केवल वोट की फ़सल काटने के लिए ही होते हैं। गेस्ट टीचर, अस्थायी कम्प्यूटर टीचर, आशा वर्कर, रोडवेज़ कर्मचारी, मनरेगा मज़दूर, एनसीआर के औद्योगिक मज़दूर आदि आयेदिन अपनी जायज़-न्यायसंगत माँगों को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही। चुनाव से पहले भाजपा ने हरियाणा की आम जनता, यहाँ के बेरोज़गार नौजवानों, शिक्षकों, कर्मचारियों, मज़दूरों-किसानों को ख़ूब रंगीन-गुलाबी सपने दिखाये थे किन्तु अब सरकार बनाने के बाद रंग बदलने में भाजपा गिरगिटों को भी शर्मिन्दा कर रही है।

खट्टर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खि़लाफ़ जनता की फौलादी एकजुटता क़ायम करनी होगी। वरना कभी गेस्ट टीचर, कभी नर्सिंग छात्राओं या कोई और ऐसे ही दमन का शिकार होते रहेंगे।

 

मज़दूर बिगुल, जुलाई 2015


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments