आपस की बात
दुनिया के मज़दूर भाई एक हो।
मनोज कुमार यादव, श्रीराम पिस्टन एण्ड रिंग्स कामगार यूनियन (भिवाड़ी)
सभी मज़दूर भाइयों को इंक़लाबी लाल सलाम!
प्यारे मज़दूर भाइयो, आज भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देशों में मज़दूरों के हालात ठीक नहीं हैं। पूँजीवादी अपनी तानाशाही को बढ़ाते चले जा रहे हैं, जबकि जाति के नाम पर, धर्म तथा क्षेत्रवाद के नाम पर हम मज़दूरों में विभाजन कर अपनी तानाशाही क़ायम किये हुए हैं। इसमें ये पूँजीपति ही नहीं सरकार व पुलिस-प्रशासन इनका भरपूर सहयोग करते हैं तथा अपनी तानाशाही क़ायम रखते हैं। हाल ही में होण्डा, मारुति, रिको, श्रीराम पिस्टन जैसी कम्पनियों में मज़दूरों ने दमन के खि़लाफ़ आवाज़ उठायी, जिसको दबाने के लिए पूँजीपतियों, सरकार तथा पुलिस-प्रशासन ने भरपूर कोशिश की, लेकिन मज़दूरों की आवाज़ को दबा न सके। इन आन्दोलन में हमारे कई मज़दूर भाइयों को जान की कुर्बानी तथा कई को जेल तक का सफ़र तय करना पड़ा, तो कई गम्भीर रूप से घायल भी हुए। इतना होने के बाद भी उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा।
प्यारे साथियो, अब समय आ गया है कि हम कारख़ानों में काम करने वाले ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में कार्य करने वाला मज़दूर, चाहे वह इमारत बनाने वाला हो या फिर कार या मोटर साइकिल – सभी को मिलकर एक साथ पूँजीवाद के खि़लाफ़ आवाज़ उठानी होगी, क्योंकि आजतक मज़दूरों की आवाज़ दबायी जाती थी। लेकिन अब दुनिया के मज़दूर एक हो रहे हैं और एक दिन पूँजीवाद को ख़त्म करके ही रहेंगे। मज़दूर राज क़ायम करके रहेंगे।
मज़दूर बिगुल, जून 2014
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन