वज़ीरपुर में जनता के माँगपत्रक अभियान की शुरुआत!
दिल्ली में वज़ीरपुर इलाक़े की झुग्गियों में लोगों समस्याओं को लेकर वज़ीरपुर जन अधिकार संघर्ष समिति की ओर से जन माँगपत्रक अभियान की शुरुआत की गयी है। वज़ीरपुर की झुग्गियों को बसे हुए करीब 30 साल से ऊपर होने जा रहे हैं पर झुग्गी में रहने वालों की बुनियादी समस्याएँ ज्यों की त्यों हैं। पानी की किल्लत, जाम नालियाँ, बीमारियों में डूबी बस्ती, स्टील फैक्टरियों में बहता ख़ून, खुले में शौच की मजबूरी आज भी वज़ीरपुर की जनता की आम समस्या है। केन्द्र और राज्य की सरकारें और नगर निगम में नेताओं के चेहरे और पार्टियाँ बदलती रही हैं। पर यहाँ के लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव नहीं आया है। बदलाव चुनावबाज़ पार्टियों के भरोसे रहकर कभी भी नहीं मिला है। सिर्फ जनसंघर्ष से ही हम अपने अधिकार हासिल कर सकते हैं क्योंकि चुनावबाज़ पार्टियों की सरकारें पूँजीपतियों और अमीरज़ादों की नुमाइन्दगी करती हैं। इलाक़े के मालिकों से लेकर बड़े दुकानदारों और व्यापारियों के लिए सरकार ख़ुशी-ख़ुशी काम कर भी रही है। सरकार ने व्यापारियों पर पड़ने वाली वैट की रेड बन्द कर दी है। फैक्ट्री मालिकों के ऊपर भी श्रम विभाग महरबान हो रहा है। वज़ीरपुर की सड़क पार करते ही उच्च मध्यवर्गीय कॉलोनी अशोक विहार और शालीमार बाग में बेहद कम आबादी के लिए सरकार बिजली, पानी से लेकर स्वास्थ्य की हर सुविधा मुहैया कराती है। अपने को आम आदमी कहने वाली आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में वायदा किया था कि झुग्गी वालों को पक्का मकान दिया जायेगा पर अब वे इस बात पर बिलकुल चुप हैं और इस माँग को नये-नये तमाशे कर लोगों की याददाश्त से ग़ायब कर रहे हैं।
वजी़रपुर की जनता की माँगें
पानी इंसान के जीवन की बुनियादी ज़रूरत है पर वज़ीरपुर की चन्द्रशेखर कॉलोनी से लेकर उधमसिंह पार्क, सुखदेव नगर, जेलर बाग तक में आये दिन पानी की किल्लत रहती है। कभी पानी नहीं आता है तो कभी नल में नाली का पानी आता है। लोग टैंकरों के इन्तज़ार में घण्टों खड़े रहते हैं। दूसरा, रोज़ फैक्टरी में किसी-न-किसी मज़दूर का हाथ कट जाता है, कोई गन्दा पानी पीने से बीमार पड़ता है, तो कोई खाने की कमी से, परन्तु सही इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। न तो सरकार अपनी डिस्पेंसरी की हालत सुधारती है और न ही वज़ीरपुर की आबादी देखते हुए इलाक़े में अस्पताल खोलती है।
झुग्गियों में आये दिन नालियाँ जाम रहती हैं और बारिश आने पर तो झुग्गी में जगह-जगह पानी जमा हो जाता है जिसके कारण डेंगू, चिकनगुनिया व कई बीमारियाँ फैलती हैं। शौचालय ख़ुद बीमारियों का अड्डा है। दूसरे, लोगों की संख्या के अनुसार शौचालयों की संख्या बेहद कम है। इलाक़े में नशाख़ोरी बड़ी समस्या है। स्मैक, गांजा के धन्धेबाज से लेकर देशी शराब का धन्धा करने वाले वज़ीरपुर के नौजवानों की नसों में ज़हर घोलते हैं और यह सब सरकार और पुलिस की पनाह में चलता है। पर नेताओं-मंत्रियों के लिए ये मुद्दे गैर-ज़रूरी हैं!
वज़ीरपुर की जनता का माँगपत्रक
- वज़ीरपुर की झुग्गियों में पानी की समस्या तुरन्त हल हो! हर गली में पानी की पक्की लाइन बिछाई जाये।
- दिल्ली सरकार वज़ीरपुर इलाक़े में 2 अस्पताल खोले।
- नये शौचालय खोले जायें और शौचालय नियमित साफ़ किये जायें।
- नालियों को पक्का करने व नालियों को ढँकने का काम तुरन्त शुरू किया जाये।
- इलाक़े में नशाख़ोरी के अड्डे तुरन्त बन्द हों।
- सरकार झुग्गी के बदले पक्के मकान देने की समय सीमा बताये।
- वज़ीरपुर में 12वीं तक स्कूल की व्यवस्था की जाये।
इन माँगों को लेकर वज़ीरपुर जन अधिकार संघर्ष समिति वज़ीरपुर झुग्गी की गली गली में हस्ताक्षर अभियान चला रही है। जून के पहले महीने में शुरू हुआ यह अभियान इलाक़े के लोगों को जोड़ रहा है।
मज़दूर बिगुल, जून 2016
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन