कविता – आठ हजार गरीब लोगों का नगर के बाहर इकट्ठा होना : बर्तोल्त ब्रेख्त
जनरल ने अपनी खिड़की से देखा
तुम यहां मत खड़े हो, वह बोला
घर चले जाओ भले लोगों की तरह
अगर तुम्हें कुछ चाहिए, तो लिख भेजो।
हम रुक गये, खुली सड़क पर:
‘हम हल्ला मचायें इसके पहले
वे हमें खिला देंगे।’
लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया
जबकि हम देखते रहे उनकी धुंवा देती
चिमनियों को।