अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद की क्रान्तिकारी विरासत को आगे बढ़ाओ!
आज़ाद ने एक ऐसे इंक़लाब का सपना देखा था, और एक ऐसे समाज के लिए लड़ रहे थे ‘जहाँ इन्सान द्वारा इन्सान का शोषण ख़त्म हो जाये, जो लोग सुई से लेकर जहाज तक सब कुछ बनाते है उनके लिए ही सारी सम्पदा हो,उनका ही राजकाज हो!’ आज़ाद और उनके साथी महज़ अंग्रेज़ों से आज़ादी नहीं चाहते थे, बल्कि हर प्रकार की लूट और शोषण से आज़ादी चाहते थे। आज के समय में मज़दूरों और युवाओं को आज़ाद से जो एक बात सीखनी होगी वह है इस उसूल में यक़ीन की मज़हब-धर्म सबका निजी मसला है। इसका आपके सामाजिक जीवन और राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। जैसा कि आज़ाद के साथी शहीदे-आज़म भगतसिंह ने साफ़ कहा था, धर्म पर हम अलग-अलग व्यक्तिगत आस्था रख सकते हैं, या हम नास्तिक हो सकते हैं, इसके बावजूद हमारी राजनीति हमारे वर्गीय हितों से तय होती है।