‘जनचेतना’ पर साम्प्रदायिक फासीवादी हमला
साम्प्रदायिक फासीवादी ताकतों के असली चरित्र और उनके कारनामों को ‘बिगुल’ द्वारा लगातार उजागर किये जाने से ये ताकतें बौखला गयी हैं । उनकी बौखलाहट का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 9 जनवरी को मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने ‘बिगुल’ के
उस अंक की प्रतियों को ‘जनचेतना’ के प्रदर्शनी वाहन से झपटकर जलाया जिसमें ‘तहलका’ के स्टिंग आपरेशन के हवाले से गुजरात नरसंहार पर विस्तृत सामग्री दी गयी थी । इतना ही नहीं ऐसे साहित्य का प्रचार करने वाले सचल प्रदर्शनी वाहन को क्षतिग्रस्त करने और साम्प्रदायिकता विरोधी अन्य क्रान्तिकारी साहित्य भी फाड़ने की कोशिश की । उन्होंने प्रदर्शनी कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकियाँ भी दीं ।