छँटनी के ख़िलाफ कोरिया के मजदूरों का बहादुराना संघर्ष
सरकार ने बर्बर दमन का सहारा लिया। कंपनी परिसर को युद्ध-क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया। चारदीवारी से और हेलीकॉप्टर के जरिए सशस्त्र हमला किया गया जिसका मजदूरों ने मुँहतोड़ जवाब दिया। मजदूरों ने बम फेंककर पुलिस कमाण्डो को अंदर आने से रोके रखा। इस दमन ने उल्टे मजदूरों की एकजुटता को और मजबूत कर दिया। हमला झेल रहे मजदूरों की एकता फौलादी और मजबूत इरादों से लैस होती गयी। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और उसने लड़ रहे मजदूरों को काम पर रखने का आश्वासन दिया। कब्ज़ा समाप्त होने पर बाहर निकले मजदूरों का इस संघर्ष के समर्थकों और उनके परिवार के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। इस फौरी जीत पर मजदूरों की जीत के नारे लगाये गये और क्रान्तिकारी गीत गाये गये।