वज़ीरपुर स्टील उद्योग के गरम रोला के मज़दूर फि़र से जुझारू संघर्ष की राह पर
इस हड़ताल का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू यह है कि 26 फ़ैक्टरियों के मज़दूरों ने हर कारख़ाने की कमेटी बनाकर इस हड़ताल का संचालन किया, जो ट्रेडयूनियन जनवाद की मिसाल है। यह हमारी इस लड़ाई का सकारात्मक पहलू है। अब गरम रोला मज़दूरों को इन सकारात्मक अनुभवों को आगे बढ़ाते हुए क्या करना होगा? बिगुल मज़दूर दस्ता का यह मानना है कि गरम रोला मज़दूर एकता समिति को अपने संघर्ष को गरम रोला के साथ ही स्टील लाइन से जुड़े तमाम अन्य पेशों जैसे ठण्डा रोला, सर्किल, तेज़ाब, तैयारी, फुडाई और पैकिंग व वज़ीरपुर इलाक़े की सभी फ़ैक्टरियों के मज़दूरों के साथ जोड़ना होगा। 700 कारख़ानों में मज़दूरों की ज़्यादातर माँगें समान हैं। वज़ीरपुर इलाक़े के मज़दूर उधम सिंह पार्क, शालीमार बाग़ व सुखदेव नगर की झोपड़पट्टियों में रहते हैं और यहाँ मज़दूरों की आवास, पानी व अन्य साझा माँगें भी बनती हैं। इसलिए गरम रोला के संघर्ष को और भी जीवन्त तरीक़े से अन्य पेशों के मज़दूरों के साथ जोड़ने की ज़रूरत है।