झुग्गियों में रहने वालों की ज़िन्दगी का कड़वा सच: विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए मेहनतकशों के घरों की आहुति!
आम जनता में भी यही अवधारणा प्रचलित है कि झुग्गीवालों की ज़िम्मेदारी सरकार की नहीं है जबकि सच इसके बिलकुल उलट है। झुग्गियों में रहने वाले लोगों को छत मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी राज्य की होती है, अप्रत्यक्ष कर के रूप में सरकार हर साल खरबों रुपया आम मेहनतकश जनता से वसूलती है, इस पैसे से रोज़गार के नये अवसर और झुग्गीवालों को मकान देने की बजाय सरकार अदानी-अम्बानी को सब्सिडी देने में ख़र्च कर देती है। केवल एक ख़ास समय के लिए झुग्गीवासियों को नागरिकों की तरह देखा जाता है और वो समय होता है ठीक चुनाव से पहले। चुनाव से पहले सभी चुनावबाज़ पार्टियाँ ठीक वैसे ही झुग्गियों में मँडराना शुरू कर देती है जैसे गुड़ पर मक्खियाँ।