मुम्बई में लगातार ग़रीबों के बच्चों की गुमशुदगी के ख़िलाफ़ मुहिम
वेश्यावृत्ति, अंगों के व्यापार, भीख मँगवाने आदि के लिए देशभर में बच्चे ग़ायब करने वाले गिरोह सक्रिय रहते हैं। पूरे देश में ग़ायब होने वाले बच्चों की संख्या के हिसाब से महाराष्ट्र टॉप पर है। मुम्बई में भी दक्षिण के पॉश वार्डों की अपेक्षा ईस्ट वार्ड से सबसे ज़्यादा बच्चे ग़ायब होते हैं। अमीरों का कुत्ता ग़ायब होने पर भी सक्रिय हो जाने वाली पुलिस ग़रीबों के बच्चों के ग़ायब होने पर भी अक्सर या तो रिपोर्ट ही नहीं लिखती है या फिर रिपोर्ट के बावजूद कार्रवाई नहीं करती है। ग़ायब बच्चों के मां-बाप को एक ओर अपने बच्चों के ग़ायब होने का दुख होता है तो दूसरी ओर पुलिस का संवेदनहीन रवैया उनके घावों पर मिर्च छिड़कने का काम करता है।