रेलवे के निजीकरण की पटरी पर बुलेट ट्रेन की रफ़्तार से भागती मोदी सरकार
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम को बर्बाद करके मुनाफ़ाख़ोरों के हवाले करने के विरुद्ध संघर्ष अकेले रेलकर्मियों का सवाल नहीं है। यह आम जनता और तमाम मेहनतकशों का भी सवाल है। रेल कर्मियों को अपने संघर्ष को ने केवल सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे मेहनतकशों के आन्दोलनों से जोड़ना होगा, बल्कि देश की आम जनता को भी अपने आन्दोलन से जोड़ना होगा। तमाम मेहनतकश जनता को भी रेलकर्मियों के संघर्ष को समझकर उनके समर्थन के लिए आगे आना होगा।