कोरोना महामारी ने खोली पूँजीवादी चिकित्सा-व्यवस्था की पोल
आज जब पूरे विश्व में पूँजीवादी चिकित्सा व्यवस्था कोरोना महामारी के सामने लाचार नज़र आ रही है तो माओकालीन चीन की क्रान्तिकारी समाजवादी चिकित्सा व्यवस्था एक बार फिर से प्रासंगिक हो उठती है। यह अफ़सोस की बात है कि आज चीन अपनी उस क्रान्तिकारी विरासत से कोसों दूर जा चुका है, जिसके तमाम विनाशकारी दुष्परिणामों में एक यह भी है कि आज का चीन कोविड-19 की सही समय पर शिनाख़्त करके उसे क़ाबू में नहीं कर सका और उसे एक विश्वव्यापी महामारी में तब्दील होने से रोक नहीं सका।