कय्यूर के चार शहीदों की गाथा जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष में अपना जीवन न्योछावर कर दिया
यह कय्यूर के उन चार शहीदों की गाथा है जिन्होंने देश की आज़ादी और ग़रीब जनता की बेहतर ज़िन्दगी के लिए संघर्ष में अपना जीवन न्योछावर कर दिया था। 29 मार्च 1943 को कय्यूर के चार बेटों – अप्पू, चिरुकण्डन, कुहाम्बू और अबु बक्र को फाँसी दी गयी थी।