नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं निर्माण उद्योग में काम करने वाले मज़दूर
इस क्षेत्र में काम करने वाली मज़दूर आबादी ठेके पर बेहद कम मज़दूरी पर तथा बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के अमानवीय जीवन जीने को मजबूर है। कार्यस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इन्तज़ाम न होने के कारण हर दिन मज़दूरों के साथ कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है, जिनमें कई बार उन्हें अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ता है। इसके अलावा हर समय धूल-भरे वातावरण में काम करने के कारण, आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के अभाव, और आस-पास फैली गन्दगी के कारण मज़दूरों को कई जानलेवा बीमारियाँ अपना शिकार बना लेती हैं। लेकिन चूँकि मज़दूरों को अलग-अलग ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखा जाता है, और उनके पास रोज़गार सम्बन्धी कोई भी रिकॉर्ड नहीं होता है। इसलिए अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो मालिक और ठेकेदार पुलिस के साथ मिल मज़दूर के परिवार को डरा-धमकाकर या थोड़ी सी रक़म देकर पूरे मामले को वहीं ख़त्म कर देते हैं।