देश में साम्प्रदायिक फासीवाद के उभार के ख़िलाफ़ दिल्ली, लखनऊ, हरियाणा और मुम्बई सहित देश के कई इलाक़ों में नौजवान भारत सभा, स्त्री मुक्ति लीग, दिशा छात्र संगठन, बिगुल मज़दूर दस्ता, जागरूक नागरिक मंच तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं की ओर से साम्प्रदायिक फासीवाद विरोधी जनएकजुटता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत व्यापक पैमाने पर पर्चा वितरण, नुक्कड़ सभाएँ, पोस्टरिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सभाओं में कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद गाँव-शहरों में साम्प्रदायिक ज़हर फैलाया जा रहा है। जैसे-जैसे मोदी सरकार की चुनावी वायदों की पोल खुलती जा रही है, जनता को धर्म के नाम पर बाँटने की कोशिशें की जा रही हैं। एक तरफ़ महँगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और दूसरी ओर जनता इस पर सवाल नहीं उठा सके इसलिए भगवा गिरोहों द्वारा लव जिहाद, ‘घर वापसी’ और ‘हिन्दू राष्ट्र’ जैसे नारे उछाले जा रहे हैं। ऐसे में आज ज़रूरी है जनता की वर्गीय एकजुटता कायम कर सभी धार्मिक कट्टरपन्थियों के ख़िलाफ़ संघर्ष चलाया जाये। एक बार फिर शहीदे-आज़म भगतसिंह का सन्देश गाँव-गाँव, घर-घर तक ले जाना होगा कि हमें जाति-धर्म की दीवारें तोड़कर शिक्षा, रोज़गार, चिकित्सा जैसे बुनियादी मुद्दों के लिए जनता की फौलादी एकजुटता कायम करनी होगी।