मई दिवस को मज़दूर वर्ग के जुझारू संघर्ष की नयी शुरुआत का मौक़ा बनाओ!
मई दिवस का नाम हम सभी जानते हैं। हममें से कुछ हैं जो 1 मई, यानी मज़दूर दिवस या मई दिवस, के पीछे मौजूद गौरवशाली इतिहास से भी परिचित हैं। लेकिन कई ऐसे भी हैं, जो कि इस इतिहास से परिचित नहीं हैं। यह भी एक त्रासदी है कि हम मज़दूर अपने ही तेजस्वी पुरखों के महान संघर्षों और क़ुर्बानियों से नावाकि़फ़ हैं। जो मई दिवस की महान अन्तरराष्ट्रीय विरासत से परिचित हैं, वे भी आज इसे एक रस्मअदायगी क़वायदों में डूबता देख रहे हैं। कहीं न कहीं हमारे जीवन की तकलीफ़ों में हम भी जाने-अनजाने इसे रस्मअदायगी ही मान चुके हैं। यह मज़दूर वर्ग के लिए बहुत ख़तरनाक बात है। क्यों?