Category Archives: सम्‍पादकीय

एक नये क्रान्तिकारी मज़दूर अख़बार की ज़रूरत

हम समझते हैं कि व्यावहारिक ठोस कामों के नाम पर सिर्फ़ आर्थिक माँगों तक सीमित रहना, या फिर इन्हें एकदम ही छोड़ देना दोनों ग़लत है। मज़दूर वर्ग को आर्थिक माँगों के साथ ही उसके राजनीतिक अधिकारों के लिए भी लड़ने की शिक्षा देनी होगी तथा साथ ही उनके बीच क्रान्तिकारी राजनीतिक प्रचार की कार्रवाई को तेज़ करना होगा। इस तरह विभिन्न कम्युनिस्ट क्रान्तिकारी ग्रुपों की सोच प्रयोगों में उतरेगी, उनके बीच का ठहराव टूटेगा और आपसी बहस-विचार को नयी गति मिलेगी।
हम ‘बिगुल’ को इसका साधन बनाना चाहते हैं। हम इसके माध्यम से सभी सर्वहारा क्रान्तिकारियों को भारतीय क्रान्ति की समस्याओं पर खुली बहस का न्यौता देते हैं। यह अच्छा रहेगा। इससे मेहनतकश आबादी की राजनीतिक शिक्षा का काम भी तेज़ होगा और भविष्य में बनने वाली क्रान्तिकारी पार्टी का उनमें व्यापक आधार तैयार होगा।