मोदी सरकार द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को छूटें – उधारी साँसों पर पूँजीवादी अर्थव्यवस्था को जीवित रखने के नीम-हकीमी नुस्खे
कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली केंद्र सरकार द्वारा जब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को छूटें दी जा रहीं थी तब भाजपा और इसकी सहयोगी पार्टियों ने बड़े विरोध का दिखावा किया था। भाजपा कह रही थी कि कांग्रेस सरकार देश को विदेशी हाथों में बेच रही है। गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए केंद्र में सरकार बनने के फौरन बाद भाजपा ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्बन्धित बहुत सी छूटें देने का ऐलान किया था। बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत, रक्षा क्षेत्र में भी 49 प्रतिशत और रेल परियोजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दी गयी। विदेशी पूँजीपतियों को बुलावा देने के लिए नरेन्द्र मोदी दुनियाभर में दौरे-पर-दौरे किये जा रहे हैं। विदेशी कम्पनियों को आकर देश के संसाधनों और यहाँ के लोगों की मेहनत को लूटने के लिए तरह-तरह की रियायतों और छूटों के लालच दिये जा रहे हैं।