भोंडसी जेल का एक दौरा जहाँ मारूति के 147 मज़दूर बिना अपराध सिद्धि के दो साल से कै़द हैं।
मई 2013 में जब मज़दूरों की पहली जमानती अर्जी ख़ारिज हुई थी तब हरियाणा और पंजाब उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि ”श्रमिक अशान्ति के भय से विदेशी निवेशक भारत में पूँजी निवेश करने से मना कर सकते हैं”। यह मामला एक मिसाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि आरोप साबित होते हैं तो सभी 147 मज़दूरों को सख़्त से सख़्त सजा होगी, यानी कि उनको दो दशकों से भी अधिक समय के लिए कै़द हो सकती है।