Table of Contents
(बिगुल के नवम्बर-दिसम्बर 1999 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
पर्यावरण की चिन्ता या 15 लाख से भी अधिक मज़दूरों की रोजी छीन लेने की साजिश
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
अंततोगत्वा बीमा विधेयक संसद में पारित : उदारीकरण मुहिम का फैसलाकुन मुकाम / ललित सती
बहस
भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन की समस्याएं : एक बहस (दूसरी किश्त) / अनादि चरण
महान शिक्षकों की कलम से
कम्युनिस्ट समाज के बारे में कुछ बातें / फ्रेडरिक एंगेल्स
अक्टूबर क्रान्ति का अन्तरराष्ट्रीय चरित्र / जोसेफ स्तालिन
विरासत
‘दस दिन जब दुनिया हिल उठी’ के कुछ अंश / जॉन रीड
समाज
क्यों कर रहे हैं लोग आत्महत्याएं / विजय कुमार, रूद्रपुर
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी मुठभेड़ों में कम्युनिस्ट क्रान्तिकारियों की हत्या, दमन का पहिया फिर रफ्तार पकड़ रहा है
लेखमाला
चीन की नवजनवादी क्रान्ति के अर्द्धशतीवर्ष के अवसर पर – जनमुक्ति की अमर गाथा : चीनी क्रान्ति की सचित्र कथा (भाग एक)
इतिहास
अक्टूबर क्रान्ति की वर्षगांठ के अवसर पर – अक्टूबर की हवाएं मरी नहीं हैं! वे फिर उठेंगी भयंकर तूफान बनकर! / आलोक रंजन
महान मज़दूर नेता
मजदूर नायक : क्रान्तिकारी योद्धा – बोल्शेविक मज़दूर संगठनकर्ता इवान बसील्येविच बाबुश्किन
कारखाना इलाक़ों से
तराई के उद्योगपतियों की बैठक में होण्डा मज़दूरों पर सीधा हमला
कला-साहित्य
नागरिको / व्लादीमिर मयाकोव्स्की
कविता – उन्नीस सौ सत्रह, सात नवम्बर / नाजिम हिकमत
आपस की बात
पहचानो! कौन पाजी? / भूपेश कुमार, पंतनगर
मज़दूरों की कलम से
“मैं मज़दूर हूँ” / गौरीशंकर आर्य, मध्यप्रदेश
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन