(मज़दूर बिगुल के जुलाई 2015 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

संपादकीय
“अच्छे दिनों” की असलियत पहचानने में क्या अब भी कोई कसर बाक़ी है?
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
कौशल विकास: मज़दूरों के लिए नया झुनझुना और पूँजीपतियों के लिए रसमलाई / तपिश
लाइलाज मर्ज़ से पीड़ित पूँजीवाद को अज़ीम प्रेमजी की ख़ैरात की घुट्टी / अखिल
फासीवाद
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाक़े में साम्प्रदायिक माहौल बनाने में फि़र सक्रिय हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
संघर्षरत जनता
आशा वर्कर्स और आँगनवाड़ी के कर्मचारियों ने किया दिल्ली विधान सभा का घेराव
चीन के प्रदूषणकारी कारख़ानों के खि़लाफ़ हज़ारों लोग सड़कों पर / अखिल
पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट की नर्सों की हड़ताल
मज़दूर आंदोलन की समस्याएं
यूनानी जनता में पूँजीवाद के विकल्प की आकांक्षा और सिरिज़ा की शर्मनाक ग़द्दारी / आनन्द
विरासत
अख़बार और मज़दूर / अन्तोनियो ग्राम्शी
विकल्प का खाका
नयी समाजवादी क्रान्ति के तूफान को निमंत्रण दो! सर्वहारा के हिरावलों से अपेक्षा है स्वतंत्र वैज्ञानिक विवेक की और धारा के विरुद्ध तैरने के साहस की!
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
हिमाचल प्रदेश स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मण्डी में हुए गोलीकाण्ड पर एक रिपोर्ट
खट्टर सरकार द्वारा नर्सिंग छात्राओं पर बर्बर पुलिसिया दमन!
इतिहास
समाजवादी रूस और चीन ने नशाख़ोरी का उन्मूलन कैसे किया / तजिन्दर
महान जननायक
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कमाण्डर, देश के सच्चे क्रान्तिकारी सपूत, आज भी सच्ची आज़ादी और इंसाफ़ के लिए लड़ रहे हर नौजवान के प्रेरणास्रोत चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस (23 जुलाई) के अवसर पर
मज़दूर बस्तियों से
झुग्गियों में रहने वालों की ज़िन्दगी का कड़वा सच: विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए मेहनतकशों के घरों की आहुति! / सिमरन
मालवणी शराब काण्ड ने दिखाया पुलिस-प्रशासन-राजनेताओं का विद्रूप चेहरा / विराट
चुनावबाज़ पार्टियों के खोखले वादों को पहचानना होगा और आम मेहनतकश जनता को आगे की लड़ाई के लिए तैयार होना होगा!
मज़दूरों की कलम से
साहब! एक बात पूछूँ?
मज़दूरों की कलम से दो पत्र
|
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्त आप सदस्यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं।
मनीऑर्डर के लिए पताः
मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना,
डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020
बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul
खाता संख्याः 0762002109003787,
IFSC: PUNB0185400
पंजाब नेशनल बैंक,
निशातगंज शाखा,
लखनऊ
|
आर्थिक सहयोग भी करें!
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्यता के अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी करें।
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन
|