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(मज़दूर बिगुल के अगस्त-सितम्बर 2012 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय
अपनी तार्किक परिणतियों तक पहुँच गये अण्णा मण्डली और रामदेव के आन्दोलन / राजकुमार
फासीवाद
भारतीय उपमहाद्वीप में साम्प्रदायिक उभार और मज़दूर वर्ग / आनन्द सिंह
बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका
जनता की लूट और दमन में दक्षिण अफ्रीका के नये शासक गोरे मालिकों से पीछे नहीं / मुकेश
लेखमाला
पेरिस कम्यून : पहले मज़दूर राज की सचित्र कथा (छठी किश्त)
कारखाना इलाक़ों से
गुड़गाँव के आटोमोबाइल मज़दूरों की स्थिति की एक झलक
औद्योगिक दुर्घटनाएं
शिवकाशी की घटना महज़ हादसा नहीं, मुनाफे के लिए की गयी हत्या है! / अजय
साल-दर-साल मज़दूरों को लीलती मेघालय की नरभक्षी कोयला खदानें / आनन्द सिंह
मज़दूर बस्तियों से
इस जानलेवा महँगाई में कैसे जी रहे हैं मज़दूर / आनन्द, रामाधार
गतिविधि रिपोर्ट
मारुति के मज़दूरों के समर्थन में विभिन्न जनसंगठनों का दिल्ली में प्रदर्शन
लुधियाना में टेक्सटाइल मज़दूर यूनियन का स्थापना सम्मेलन
कला-साहित्य
कविता – हम हैं ख़ान के मज़दूर / मुसाब इक़बाल
साम्प्रदायिकता पर कुछ कविताएं
कविता – साम्प्रदायिक फसाद / नरेन्द्र जैन
साम्प्रदायिकता पर दोहे / अब्दुल बिस्मिल्लाह
कविता – हिन्दू या मुसलमान के अहसासात को मत छेड़िये / अदम गोंडवी
आपस की बात
मँहगाई से खुश होते मन्त्री जी…! / प्रेमप्रकाश, बुराड़ी, दिल्ली
मज़दूरों की कलम से
दिहाड़ी मज़दूरों की जिन्दगी! / कपिल कुमार, करावलनगर, दिल्ली
मासू इण्टरनेशनल की दास्तान / आनन्द
दीप ऑटो के नियम-क़ानून दीप ऑटो प्राइवेट लिमिटेड / सुधा
मुनाफाख़ोर मालिक, समझौतापरस्त यूनियन / रामाधार
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मज़दूरों के महान नेता लेनिन