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(मज़दूर बिगुल के दिसम्बर 2019 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)
सम्पादकीय
आन्दोलन : समीक्षा-समाहार
साम्प्रदायिकता
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन क़ानून : भारत को हिटलरी युग में धकेलने का फ़ासिस्ट क़दम / पावेल पराशर
भारत में विदेशी कौन माना जायेगा? / मसीहुद्दीन संजरी
कारख़ाना इलाक़ों से
देशभर में होने जा रही 8 जनवरी की आम हड़ताल के प्रति हमारा नज़रिया क्या हो? / सनी सिंह
अनाज मण्डी अग्नि-काण्ड में 43 मज़दूरों की मौत! ये मुनाफ़े के लिए की गयी ठण्डी हत्याएँ हैं!
होण्डा मानेसर के ठेका मज़दूरों का संघर्ष जारी / अनन्त वत्स
‘मैं बड़े ब्रांडों के लिए बैग सिलता हूँ पर मुश्किल से पेट भरने लायक़ कमा पाता हूँ’ – अनाज मण्डी की जली फ़ैक्टरी में 10 साल तक काम करने वाले दर्ज़ी की दास्तान
मज़दूर बस्तियों से
शाहाबाद डेयरी में नारकीय हालत में रहते मज़दूर
नागरिकता संशोधन क़ानून का बवाना जे.जे. कॉलोनी के ग़रीब मेहनतकशों की ज़िन्दगी पर असर!
मोदी राज में मज़दूरों के ऊपर बढ़ती बेरोज़गारी और महँगाई की मार / लालचन्द्र
स्त्री-विरोधी अपराध
स्त्रियों के विरुद्ध जारी बर्बरता – निरन्तर और संगठित प्रतिरोध की ज़रूरत है
पुलिस पर फूलों की वर्षा करने से पहले ज़रा ठहरकर सोचें, पुलिस हमारी रक्षक है या इस लुटेरी व्यवस्था की रक्षा में तैनात दमन-उत्पीड़न का हथियार? / रूपा
महान शिक्षकों की क़लम से
स्वास्थ्य
आम लोगों को मौत और ग़रीबी में धकेलती चिकित्सा सेवाएँ / अनुपम
शिक्षा और रोज़गार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 : शिक्षा के नग्न बाज़ारीकरण का घोषणापत्र / अविनाश
चुनाव
चुनावी बॉण्ड : पूँजीपतियों और चुनावी पार्टियों का अटूट और गुमनाम रिश्ता / पराग
प्रवासी मज़दूर
कला-साहित्य
मैं दण्ड की माँग करता हूँ / पाब्लो नेरूदा
महान जननायक
काकोरी के शहीदों की क़ुर्बानी हमें आवाज़ दे रही है
आपस की बात
सभी साथी एकजुट होकर संघर्ष करें, संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता!
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बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन