ज़हर उगल रहे बायो वेस्ट प्लाण्ट को बन्द कराने नगरनिगम के दफ़्तर तक निकाली रैली

 बिगुल संवाददाता

15 जून 2017, गुरुवार को नौजवान भारत सभा और ‘बायो वेस्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट हटाओ संघर्ष समिति’ ने नगर निगम के दफ़्तर तक रैली निकाली और कॉर्पोरेटर को हस्ताक्षर सहित काग़ज़ और ज्ञापन सौंपा। ज्ञात हो पिछले महीने की 10 तारीख से नौजवान भारत सभा के साथी घाटकोपर मानखुर्द लिंक रोड पर स्थित बायो वेस्ट ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट (एसएमएस कम्पनी) को बन्द कराने के लिए गली-गली ,नुक्कड़-चौराहों पर अभियान चला रहे थे।
एसएमएस कम्पनी में मुम्बई शहर के सारे अस्पतालों का कचरा जलाया जाता है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियन्त्रण विभाग (एमपीसीबी) के 1998 के नियम अनुसार यहाँ पर माइक्रोवेव, चिमनी की हाइट, मेडिकल कचरे की छँटाई होनी चाहिए। पर जब मुम्बई उच्च न्यायालय के कमेटी के सदस्य डॉ सन्दीप राणे ने इस प्लाण्ट का आकस्मिक निरीक्षण किया तो जो नज़ारा उन्होंने देखा, वह दिल दहला देने वाला था। यहाँ पर ख़ून से सनी पट्टियाँ, सिरिंज, सेलाइन की बोतल इन सबको बिना किसी प्रक्रिया को पूरा किये सीधे भट्टी में झोंक दिया जाता है। जिसके चलते वातावरण काफ़ी प्रदूषित होता है। गोवण्डी मानखुर्द में 10 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं, जो इस प्लाण्ट के निकल रहे धुएँ के कारण टीबी, अस्थमा और साँस सम्बन्धी बीमारियाँ की चपेट में आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार यहाँ दिन में 12 टन कचरा जलाया जाता है ,दिन-भर में 50 बार गाड़ियाँ आती हैं और मुम्बई के अस्पताल, क्लिनिक पैथोलॉजी की 12000 यूनिटों से आया हुआ कचरा यहाँ जलाया जाता है। जिसके चलते यह ज़हर यहाँ पर बसे इलाक़ाें जैसे साठे नगर, ज़ाकिर हुसैन नगर, मण्डला, बैगँवादी, टाटा नगर, लल्लूभाई कम्पाउण्ड की ज़िन्दगी का एक आम हिस्सा बन गया है।
दरअसल मुम्बई के अन्दर भी दो मुम्बई बसती हैं। एक तरफ़ तो कोलाबा अँधेरी जैसे उच्च वर्ग के इलाक़े हैं। जिनको चमकाने के लिए गोवण्डी मानखुर्द जैसे इलाक़ों का मज़दूर-मेहनतकश वर्ग अपनी हड्डियाँ गलाता है। पर दूसरी तरफ़ ख़ुद एक नारकीय ज़िन्दगी जीने को मजबूर होता है। मुम्बई के मेट्रो फ़ेज 3 के लिए कोलाबा, अँधेरी में काटे जा रहे पेड़ों की ख़बर तो बनती है पर 2009 से गोवण्डी मानखुर्द के निवासियों की साँसों में घुल रहे ज़हर की सुध लेने वाला कोई नहीं है। गोवण्डी में ही देओनार डम्पिंग ज़ोन भी मौजूद था जहाँ हर दिन 7,500 टन कूड़ा डाला जाता था। मिडिल क्लास कॉलोनी को चकाचक रखने के लिए मज़दूर रिहाइशी इलाक़ों को कूड़ाघर बनाके रखा जाता है।
इसलिए आज पर्यावरण के लिए भी मज़दूर-मेहनतकश नौजवानों को आगे आना होगा। इसी के तहत नौभास के साथियों ने आज पुरे इलाक़े में रैली निकाली ,पर्चे बाँटे और एक महीने से चल रहे अभियान से लोगों के 3500 हस्ताक्षर कराकर नगरसेवक को ज्ञापन सौंपा गया। आगे नौजवानों और इलाक़े के लोगों ने इस अभियान को और लोगों तक फैलाने और इलाक़े में वृक्षारोपण का कार्यक्रम अपने हाथ मे लिया।

 

मज़दूर बिगुल, जून 2017


 

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